हम साथ साथ हैं (1999) – एक पारिवारिक रिश्तों की अनमोल कहानी
“हम साथ साथ हैं” सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देशित एक क्लासिक पारिवारिक फिल्म है, जो 1999 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म सिर्फ एक मूवी नहीं बल्कि भारतीय संयुक्त परिवार की परंपराओं, रिश्तों की मिठास और भावनाओं का जीवंत चित्रण है।
कहानी
फिल्म की कहानी रामकिशन (अलोक नाथ) और उनकी पत्नी ममता (रीमा लागू) के बड़े से संयुक्त परिवार पर आधारित है। उनके तीन बेटे – विवेक (मोहनीश बहल), प्रेम (सलमान खान) और विनोद (सैफ़ अली खान) तथा एक बेटी संगीता (नीलम) होती है।
कहानी की असली खूबसूरती इन भाई-बहनों और परिवार के आपसी रिश्तों को दिखाने में है। बड़े भाई विवेक अपनी सौतेली माँ ममता के गलतफहमियों का शिकार हो जाते हैं। धन-दौलत और संपत्ति के बंटवारे की बात आते ही घर में दूरियाँ आने लगती हैं। लेकिन आखिरकार सबको एहसास होता है कि रिश्ते सबसे ऊपर होते हैं, और परिवार की असली ताकत “साथ रहना” है।
अभिनय
सलमान खान (प्रेम) – अपने मासूम और रोमांटिक किरदार से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं।
सैफ़ अली खान (विनोद) – फिल्म में हंसी-मजाक और हल्के-फुल्के पलों को और मज़ेदार बना देते हैं।
मोहनीश बहल (विवेक) – सबसे बड़ा बेटा होने के नाते उनका शांत, गंभीर और जिम्मेदार अभिनय फिल्म की रीढ़ है।
सोनाली बेंद्रे, करिश्मा कपूर और तब्बू – तीनों हीरोइनों ने परिवार के प्रति समर्पण और भारतीय नारी के आदर्श रूप को खूबसूरती से पेश किया है।
म्यूज़िक
राजश्री प्रोडक्शन की पहचान ही उनके गाने और संगीत होते हैं। “हम साथ साथ हैं”, “मुझसे जुदा होकर”, “यह तो सच है कि भगवान है” जैसे गाने आज भी शादी-ब्याह और पारिवारिक आयोजनों में गाए-बजाए जाते हैं। संगीत परिवारिक और धार्मिक माहौल को और गहरा बना देता है।
निर्देशन
सूरज बड़जात्या हमेशा से भारतीय संस्कृति और संयुक्त परिवार की कहानियाँ दिखाने के लिए जाने जाते हैं। इस फिल्म में भी उन्होंने रिश्तों की अहमियत और प्यार-त्याग का संदेश बड़ी खूबसूरती से दिया है।
क्यों देखें?
अगर आपको परिवार के साथ बैठकर देखने के लिए कोई फिल्म चाहिए तो “हम साथ साथ हैं” एकदम परफेक्ट है।
यह मूवी हमें याद दिलाती है कि पैसे से ज्यादा कीमती रिश्ते और परिवार होते हैं।
फिल्म का हर किरदार दर्शकों को अपने घर का हिस्सा लगता है।
निष्कर्ष
“हम साथ साथ हैं” सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि भारतीय पारिवारिक मूल्यों का उत्सव है। यह फिल्म हमें यह सिखाती है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर परिवार साथ है तो हर समस्या छोटी लगती है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐✨ (4.5/5)
शैली: पारिवारिक ड्रामा, म्यूज़िकल
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